जिंदगी के रंग तुम्हारे बिना अधूरे है
तुम्हारे बिना
नज़्म लिखू भी तो
कैसे
एक भी हर्फ
साथ नही देता..
साथ छोड़ देते हैं
एहसास..
मेरे पास
कुछ भी
नही ठहरता..
खाली दामन लेकर
घूमता फिरता हूँ..
हर जगह
तुम्हे ही
तलाशता रहता हूँ..
तुम आओ तो
ग़ज़ल लिखू...
फिर से
नई जिंदगी मे
रंग भरु..
नज़्म लिखू भी तो
कैसे
एक भी हर्फ
साथ नही देता..
साथ छोड़ देते हैं
एहसास..
मेरे पास
कुछ भी
नही ठहरता..
खाली दामन लेकर
घूमता फिरता हूँ..
हर जगह
तुम्हे ही
तलाशता रहता हूँ..
तुम आओ तो
ग़ज़ल लिखू...
फिर से
नई जिंदगी मे
रंग भरु..
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