Wednesday, June 10, 2015

तुम्हारा सवाल

तेरी याद में रोना
अच्छा लगता है प्रिय
आँखे स्वतः भर भर आती है
तुम्हारा सवाल
रोती क्यों हो?
मैं कहती हूँ 
यादें है तुम्हारी 
बार बार भिगो देती है
अब मेरी आँखे कोई
रेगिस्तान के बादल नहीं
जो यु ही घड़ घड़ा कर चले जाये
आखिर तो बरसना है उन्हें
क्यों
क्या कहते हो तुम????

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home