Tuesday, May 19, 2015

वजह हो तुम

हर बात की वजह पूछते हो
मरने की
 जीने की 
लड़ने की 
झगड़ने की
रूठ जाने की
मान जाने की
देर से आने की
जल्दी जाने की
रोने की
चुप हो जाने की
क्या कह
कुछ कह नहीं पाती
तुम्हारे बिना एक पल भी
अब रह नहीं पाती
अगर बता दी तुम्हे
हर बात की वजह
तुम भी मेरी तरह
तड़प जाओगे
चुप हो जाओगे
मुस्कुराना भूल जाओगे
जो तुम्हारी हर बात पे 
कहकहे लगाने की आदत है
वो भी भूल जाओगे
सो मेरी जान
मुझे चुप रहने दो
मत पूछो मुझसे कोई बात
सारे दुःख अंदर गह लेने दो
बस तुम मुस्कराते हो
इसी बात से मैं खुश हूँ
मेरे जीने की वजह
सिर्फ तुम हो

1 Comments:

At May 20, 2015 at 2:27 AM , Anonymous Anonymous said...

:)

 

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