Thursday, November 7, 2013

मान जाओ

अब नहीं सहा जाता 
जुदाई का गम
चले आओ, 

मत खेलो 
मेरे जज्बातो से,
एक बार तो 

मेरे सामने आकर 
मुस्कुराओ
देती हैं सदा 

मेरी आँखे तुम्हे
अब 

और न तड़पाओ
मेरी जान 

अब तो मान जाओ
आ  भी जाओ न .....

उनकी मोहब्बत ने
अपना काम कर दिया
आपको दे दिया
उम्र भर का सपना
अपनी राह 

आसान कर दिया

आन बान  शान सब खो गए
जब से हम  उनके हो गये…


कितनी  मासूमियत हैं 
उसकी आँखों मे
सपने भी जैसे 

तैरते नज़र आते है
कोई भी लगा ले अंदाजा 

उसकी मोहब्बत का,
मासूमियत में लब जब 

उसके हिल जाते है 

ये दुनिआ अगर मिल भी जाये तो क्या हैं ?


आप  का हैं 
नसीब 
अच्छा
जो आपको
नई जान मिली
वरना 

आज तक 
तो
मुझे दुनिआ
बस 

बेजान मिली

कहीं नसीब कि मार न झेलनी पड़ जाये उन्हें जो ...

क्यूँ बोलते हैं
लोग झूठ,
क्यूँ बोते हैं कांटा
उन्हें नहीं पता
एक दिन ये कांटा
उन्हें ही हैं चुभ जाता ...

मनुहार

ओ प्यारी दी 
आओ न
अब नहीं लगता दिल 

तुम्हारे बिना
सब जग 

सूना लगता हैं
हर पल 

तुम्हारे बिना खलता हैं
इंतज़ार में तुम्हारे
अब हमसे समय 

नहीं कटता हैं
आ  भी जाओ अब
दिल हमारा बार बार
आप पे ही जा 

अटकता हैं