Friday, October 18, 2013




तुम्हारे जाने के बाद  
जब मैने पलटी तुम्हारी चीज़े.. 
निकल आया तुम्हारा प्रेम.. 
जो तुमने रखा था सहेज कर  
मेरे लिए.. 
पुराने संदूक मे.. 
जब गई पीछे आँगन मे...... 
वहाँ भी चमक रही थी कुछ चीज़े.. 
शायद वहाँ भी छोड़ दिया था  
तुमने कुछ मेरी खातिर.. 
ताकि मैं बेचैन  
ना हो जाउ तुम्हारे बिना.. 
तुम हर तरह से मेरे  
करीब रहो... 
किसी ना किसी रूप मे... 
तुम मुझको छूते रहो.. 
मेरे आस पास रहो.. 
मुझे महसूस करो ... 
क्यूँ यही बात थी ना..

संत का सपना - बाबा शोभन सरकार



संत को नही चाहिए
अपने लिए कुछ भी खास
दो रोटी, दो धोती...रहने को कुटिया
इतना ही बहुत हैं उसके लिए,
जैसे सब कुछ हो उसके पास
त्यागी, वैरागी..क्या करेगा वो
तुम्हारा धन..
जब कि वो खुद त्याग चुका हैं
अपनी माया..
लेकिन हमारी खातिर...
देखा उसने एक सपना
खूबसूरत सपना...
शायद ...
सुधर जाए देश के हालात...
इस पुराने सोने से..
वरना पहले अंग्रेज़ो ने लूटा...
फिर औरंगजेब ने लूटा........
जो बचा देश के नेता खा गये....
हो गया हैं देश खोखला..............
संत बेचारे क्या करे????
अब सपना ही सुधार सकता हैं....
देश के हालात...हमारे हालात.....

Thursday, October 17, 2013

आज तुमसे एक बार फिर हारा...


प्रिय इतनी बे ऐतबारी..
क्या ठीक हैं...
तुम्हे हमारा प्यार...
क्यूँ लगता हैं दिखावा...
क्या मैने कभी तुम्हे...
कोई ठेस पहुचाई...
या
दिया कोई जवाब करारा..
मैने तो तुम्हे अपनी
रूह से हैं पुकारा..
लेकिन शायद मेरा प्यार
तुम्हे समझ नही आया..
तभी करती हो शक..
ऐसा कहकर आज तुमने मुझे
कर दिया बेसहारा...
उफ्फ कैसा ये प्यार तुम्हारा...
कैसा ये ऐतबार तुम्हारा...
नही जीत सका आज तक मैं
विश्वास तुम्हारा...
हे ये प्यार हमारा...
आज तुमसे हारा..
आज तुमसे एक बार फिर हारा...

अपना अपना प्यार हैं...
किसी को सब याद हैं..
कोई भूल गया हर बात हैं.......

Tuesday, October 15, 2013

सन्नाटा





दीवार के उस पार  
पसरा हैं सन्नाटा 
किसी के आने की आहट से  
चौंक जाती हैं पलके.. 
शायद अब भी  
इंतेज़ार हैं किसी का.. 
करके गया जो वादा.. 
जल्दी लौट कर आने का.. 
परदेसी था शायद... 
भूल गया रास्ता... 
लौट के आने का.... 
उसकी राह मे पलके भी शायद 
पत्थर हो चली हैं अब तो..

स्वेटर ...


उसके हाथो मे हैं जादू...  
जब बुनती हैं वो स्वेटर ... 
उष्मा....अंदर तक भर देती हैं... 
एक एक फंदे मे वो...  
अपना आशीर्वाद भर देती हैं वो.. 
माँ हैं ना वो.. 
ना जाने कैसे सब 
इतने प्यार से कर लेती हैं..