Friday, May 31, 2013

एहसान



शब्द नही मिलते
तुमसे कुछ कहने को..
भर देते हो हमे इतना..
अपनी नज़रो से..
जगह नही रहती कुछ रखने को..
(तुम्हारा एहसान बढ़ता ही जा रहा हैं मुझ पर..)


कूड़ेदान


देखो झल्लाहट मे तुमने मुझे
पूरा कूड़ेदान बना डाला हैं..
जब जी चाहा, जो जी मे आया...
उडेल दिया मुह पर आकर
ये कोई बात नही होती,
मेरा भी जी जलता हैं..
मुझमे भी आग बसती  हैं..
लेकिन मैने समुद्र की बॅडनावल अग्नि की तरह
खुद को समेट कर रखा हैं
कभी नही भूलती अपनी मर्यादा...
नही तोड़ती अपना बाँध...
नही पार करती अपने तट को
क्यूंकी मुझे पता हैं..
अपनो से ही होती हैं ग़लतिया..
जो हमे प्यार करते हैं..
वो  ही कर पाते हैं प्रगट अपना रोष
अपना गुस्सा..आज ये पक्का हो गया..
बहुत चाहते हो तुम मुझे
अपनी जान से भी ज़्यादा


जिंदगी तुम्हारी यू ही बर्बाद होती हैं..




जबसे पड़े हो मोहब्बत के फेर मे..
जिंदगी तुम्हारी यू ही बर्बाद होती हैं..

हो गये हो फेस बुक के साथी..
बस सर्चिंग मे ही तुम्हारी घड़िया बर्बाद होती हैं

करते नही काम कुछ ढंग का...
वरना मोहब्बत खुद चल के आए तेरे दर तक..
तुम्हारी लाइफ तो बस सपने देखकर ही बर्बाद होती हैं..

नज़री हैं तुम्हारी या तीर पैने से...
घुस के आँखो मे..जज्बातों की बरसात होती हैं..

सच्चा हमसफ़र मिले तो मिले कैसे..
हर दिन तुम्हारी नई शुरूवात होती हैं..

थमो रूको ठहर जाओ...
मोहब्बत तभी आबाद होती हैं..

(तुम्हारी रोज़ नई मोहब्बत खोजने की आदत हमे अच्छी नही लगती..)

Monday, May 27, 2013

तुम्हारा ये प्रेम मुझे आम से खास बना रहा हैं..



तुम्हारा ये प्रेम मुझे आम से खास बना रहा हैं..
तुम्हारा एहसास लौकी, कद्दू, टमाटर सबसे आ रहा हैं..
आम का आचार हो या जलेबी..जब भी तुम खाते हो प्रेम से..
मेरा पेट खुद ही भर जाता हैं..बिना खाए..
सच छोटी छोटी बाते ही तो प्रेम सिखाती हैं..
बड़ी बाते तो केवल प्रेम का दिखावा रह जाती हैं..
लेकिन तुम तो सबसे अलग हो ना...

जिंदगी को केवल रफतार ना दे
बीच मे रुक कर थोड़ा विराम दे..