Thursday, April 11, 2013

माना ग़ालिब बेहोश हुआ जाता हैं.. जमाना तो जाग रहा हैं मेरी जान..



माना ग़ालिब बेहोश हुआ जाता हैं..
जमाना तो जाग रहा हैं मेरी जान..

कुछ लोगो के अरमान हमेशा जागे रहते हैं..
ना यकीन हो तो  unse पूछ लो..


तुमने जो कह दिया उसने सुना ही नही...
ये क्या बात हुई...उसे कुछ पता ही नही..

तुम्हे छोड़ जाना था मुश्किल..
ये उसने कैसे किया..
छोटा सा दिल था उसका
टुकड़ो मे कैसे बाँट दिया????

मत चाहो इतना की आँसू मोती बन जाए..
निकल कर आँखो से किसी के सीने मे बस जाए..

ये क्या किया तुमने मोहब्बत को सरेआम किया
अब रहो तैयार भुगतने को नतीज़ा..जमाने का..

लोगो के समझने से क्या होता हैं..
मुस्कुराने से क्या कोई अपना होता हैं..

मत दो कोई एक्सप्लनेशन
हमने कब माँगा तुमसे हर बात मे रिलॅक्सेशन..
वो तो प्यार का मसला था..तो पूछ लिया..
तुम चालू रखो अपना कॉन्वर्सेशन

नही मैने कोई गुस्सा नही उतारा..
प्यार का मामला हैं..कोई खेल नही हैं..
बेचारे को हंस लेने दो
जिंदगी कोई जेल नही हैं..

जुलाहा कहाँ से आ गया..
दिन गये बुनकर के
अब तो मशीनो का युग आ गया..

अजब पहेलियाँ हैं हाथ की लकीरों मैं
ए दोस्त
सफ़र लिखा है मगर हमसफर नही लिखा ..!

hamari Poorvi....


जेठ की कड़ी धूप मे 
ठंडी बयार हैं पूर्वी
मौसम ए सदाबहार हैं पूर्वी
हम सबके लिए ईश्वर से
प्रदत्त उपहार हैं पूर्वी
भैया भाभी का प्यार हैं पूर्वी..
दादा, दादी,  नाना, नानी का 
आशीर्वाद हैं पूर्वी 
हम सबके लिए हँसी की फुहार हैं पूर्वी
तोड़ा सा नशा तोड़ा सा खुमार हैं पूर्वी
करती हैं क्यूट सी शैतानिया..
बुआ चाचा का पहला प्यार हैं पूर्वी
अपने नन्हे नन्हे छोटे भाइयो के लिए
राखी का त्योहार हैं पूर्वी..

Wednesday, April 10, 2013

कर दो एलान अपने प्यार का..


दिल जला हैं तुम्हारा औरो का क्यूँ जलाते हो...
अपनी श्राप औरो पे क्यूँ लगाते हो..

नाम लेकर उसका वफ़ा से क्यूँ जाए 
हुए हैं जब उसके, जमाने को क्यूँ बताए..

बहुत एहसान किया उसने जो मुझे छोड़ गया
हम ग़रीब ज़रूर हैं लेकिन भिखारी नही हैं..

उठा कर बंदूक क्यूँ करते हो शर्मिंदा हमको..
हमे तो तुम्हारे इल्म पे ही इतना यकीन हैं..

मैने खुद को कर लिया हैं अलग...ऐसी बातों से
अब और कुछ नही लेना देना मुझे तेरी वफ़ा की बातों से..

प्यार करते हो ताई से डरते हो..
ये काम हैं तुम्हारे ताउ का....तुम क्यूँ करते हो..

बेचारा जन्मो के बाद आराम पाया हैं 
कुछ देर तो सुस्ता लेने दो उसे....
तुम्हारे हिस्से मे एक यही तो सबाब आया हैं

अब तक यही होता आया हैं..
तभी तो उसने भी तुमसे यही फरमाया हैं..
कर दो एलान अपने प्यार का..