Saturday, April 6, 2013



प्यार किया है इतना तुमने
मुझमे ना रहा मेरा कुछ भी बाकी

तेरा प्यार भी आफताब है 
जमाने की नज़र पड़ी चमक सा गया

तेरा शुक्रिया. तेरे करीब आने का शुक्रिया
प्यार निभाने का शुक्रिया

कोई मिलकर भी नही मिल पता
कोई तेरी तरह हर वक़्त याद आता

हमारी हँसी से मिलता हैं तुम्हे सुख..
तुम खुश तो हम भी खुश.....

सच्चा दिल खुदा सा ही होता हैं..
रब सच्चे दिल मे ही तो बसा करता हैं..

सब तुम्हारा कमाल हैं..
उड़े जो बादल,
तभी तो तेरा भी रंग लाल हैं..

छिपी थी जो बात दिल मे...वही तो लबों पे आई हैं..
हिचक़ियो ने की प्यार की अगुवाई हैं....

अभी अभी तो जीवन मे बसंत आया था..
अंदर का इंसान कैसे मर गया?
जीना था उसे खुशी खुशी ....तुमसे कैसे 

अक्सर ऐसा ही होता हैं...
प्यार करके जो नही रह पाता दूर...
वही प्यार की हिफ़ाज़त करता हैं..


सारा भेद फेस बुक पे रहा ना कुछ अनमोल..
आज मारे कल खबर छपे, बात हुई ना गोल
जै हो फेस बुक महारानी की..

जबसे बढ़ गई हैं फेस बुक पे चोरी
नही करता मॅन कुछ भी लिखने का..
ज़ज्बात भी हो गये हो जैसे चोरी
चोर भी इतने निडर हैं की पूछो मत
ज़रा भी नही डरते कुछ भी चुराने से
शायद संस्कार भूल गये हैं माँ बाप के
बिना पूछे किसी से किसी का 
कुछ भी नही लिया करते....
अब तो सब किताबी बाते हैं
सब करते हैं मनमानी ....नही डरते किसी से..
ना चोरी से, ना लड़ने से, ना झूठ बोलने से..