Sunday, January 20, 2013

बसंत.


बसंत..जब भी आता हैं..
रंगो को भी संग ले आता हैं..
बिखर जाते हैं रंग फ़ज़ाओं मे..
सच सब कुछ निखर सा जाता हैं..

पतझड़ की पत्तियों का हाल ना पूछो..
कुछ खुश हैं बसंत के आने..से..
कुछ तो हैं गम मे डूबी .....
अपने गुम हो जाने से..किका रंग चुराओगे...
किसके संग खो जाओगे..????

जीवन हो तुम्हारा बसंत जैसा..
रहे जीवन मे मधुमास हमेशा..
बढ़े चलो सत्य के पथ पर तुम. ..
ऐसा हैं विश्वास हमेशा..

बसंत तुम्हारा स्वागत हैं...
संग मे आना तुम भी..
तुम्हारा भी स्वागत हैं..



2 Comments:

At January 20, 2013 at 11:27 PM , Anonymous Anonymous said...

जीवन हो तुम्हारा बसंत जैसा..
रहे जीवन मे मधुमास हमेशा..
बढ़े चलो सत्य के पथ पर तुम. ..
ऐसा हैं विश्वास हमेशा........

बसंत तुम्हारा स्वागत हैं...
संग मे आना तुम भी..
तुम्हारा भी स्वागत हैं.....'( )'

 
At January 21, 2013 at 12:40 AM , Blogger अपर्णा खरे said...

thanks

 

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home