Tuesday, January 15, 2013

मुझे खुद से शिकायत हैं..

मुझे खुद से शिकायत हैं..
मुझे अपनी ज़रूरत हैं...
तंग हूँ इन तंग गलियों से..
अब मुझे किसी की नही हसरत हैं
जो आता हैं सो आ जाए
जो जाता हैं सो जाए
नही रोकूंगी किसी को मैं..
मुझे अपने से उलझन हैं
आ गई हूँ राह बदल कर
छोड़ कर सारी दुनिया को..
रहने दो अकेला अब मुझको..
नही किसी से शिकायत हैं...
जो मिला जैसा मिला.......
किया सब क़ुबूल खुशी खुशी..
अब नही सही जाती..मिली जो ऐसी खुशी..
सबको सलाम करती हूँ..
आज से अपना सब कुछ
तुम सब के नाम करती हूँ..
जा रही हूँ सब छोड़ कर.......
अंतिम विदा ...सबको............
अब तो सबके प्यार से भी डरती हूँ..



3 Comments:

At January 16, 2013 at 1:49 AM , Anonymous Anonymous said...

mat jana kahin bhi .....



 
At January 17, 2013 at 1:00 AM , Blogger अपर्णा खरे said...

kyun....nahi jana

 
At January 18, 2013 at 1:28 AM , Anonymous Anonymous said...

kyunki kisi or ko jana hai ......|
khushi ke liye ...jo shayad lout aaye
fir se ......''.tum tak.''

 

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