Friday, November 30, 2012

टूट फूट भी जीवन का हिस्सा हैं...



टूट फूट भी जीवन का हिस्सा हैं...
इसमे नया भी बहुत कुछ बनता हैं..
टूटता हैं पुराना मकान..नया फ्लॅट बनता हैं
शरीर मे हुई टूट फूट से इम्यून सिस्टम भी सुधरता हैं..
टूट कर जो निभाई तुमने मर्यादा, मित्रता 

बहुत कुछ पाया होगा..
कई आँखो मे खुद के लिए आशीर्वाद..
कहीं कहीं बेइंतहा प्यार नज़र होगा
यही हैं जीवन की असली कमाई..जो तेरे हिस्से आई..
अब कुछ नही टूटने वाला..जो टूटा तो सोचना वो
तुम्हारे काबिल नही था..तुम्हारी सोच थी उँची...
वो....तुम तक पहुचने लायक नही था.

अब माँ नही आती...कमरे मे .....



देखो फिर आ गई सर्दिया..
लेकिन मुझे नही रहना इन सर्दियो मे
तुम्हारे बिना.....

मुझे नही ओढना
खुद से कंबल..........
जब तुम प्यार से
ओढाती हो मेरे उपर
मुझे अपना बचपन
याद आ जाता हैं
जब मैं रात को सोते सोते
खुल जाता था तो
माँ बार बार मेरा कंबल
ठीक किया करती थी
कभी कभी तो ठीक से
सो भी नही पाती थी बेचारी
वो एहसास .......अभी तक जिंदा हैं...
वो गर्माहट .......अभी तक हैं मेरे पास
वो स्पर्श ..........आज भी रोमांचित कर जाता हैं मुझे..
अब माँ नही आती...कमरे मे .....
बड़ा जो हो गया हूँ मैं..
शायद झिझकती होगी...
या फिर उसे पता हैं....
उसका बेटा अब नही ठिठुरता होगा सर्दी से..
बिना कंबल ओढ़े....माँ जो ठहरी मेरी....

ए मौत तूने......ये क्या किया.


रोने नही दिया पत्थर बना दिया
ए मौत तूने ये क्या किया??
बिलख रहे थे मेरे आस पास सब
कोई नही था मेरा अपना
जो थे कभी मात पिता भ्रात सब

रोना चाहता था मैं भी सबके साथ..
रोने नही दिया..ए मौत तूने मुझे
पत्थर बना दिया....
लगते थे जो कभी अपने..
आज हो गये पराए...................
मुझे भी उनसे गैर..........
उनको भी मेरा गैर बना दिया
ए मौत तूने......ये क्या किया.

Thursday, November 29, 2012

प्यार की परिणति






सर्दियो की सुबह
खिड़की जो खोली यादों की
ठंडे झोके की तरह
तुम आ गये घर के भीतर
हाथ मे उठाया जो कही का प्याला
सारी यादें भी गरमा गई..
याद आ गया तुम्हारे साथ बिताया 
हर लम्हा..
जो आज भी आँखो मे ज्यूँ का त्यु हैं..
हम करते थे हर वो बात.......
जो नही बाँट सकते दुनिया मे किसी के भी साथ 
होता था जब हाथो मे हाथ..पहरो बैठे रहते थे ..
तुम्हारी कही हर बात 
आज भी अंकित हैं ....
मेरे मानस पटल पे..
तुम ही थे मेरे जीवन की वरीयता...
हमेशा हमेशा...वक़्त ने हमे मिलने ही नही दिया ..
तो क्या..आज भी तुम जिंदा हो..
मेरी यादों मे...सांसो मे..मेरे हर एक वादों मे....
मत समझना मैने तुम्हे जाने दिया...
खुद से जुदा कर दिया...सुना हैं..
प्यार कभी मरता नही....अमर हो जाता हैं....
गति पा जाता हैं ..रूह को सुकून दे जाता हैं.
हमारे प्यार की परिणति भी ऐसी ही हैं....

Premika Ya Biwi




कबीरा तुम तो बिगड़ गये...जैसे दूध दही के संग...
दिखती हरदम प्रेमिका, रहो चाहे किसी के संग...

एक प्रेमिका....बॅंक मे...एक रखो संग....
तभी रहोगे सुखी तब...बजेगा ढोल संग बॅंड 

मथानी चले पानी मे..दही बचा ना दूध...
पत्नी भी घर से गई..प्रेमिका भी गई छूट

लस्सी के चक्कर मे माखन छूटा जाए..
घर मे बैठी बीवी को, क्यूँ रहे भूल भुलाए

आईने मे रहा होगा कोई खोट
नज़र तो तुम्हारी ऐसी नही..
जो निहारो किसी को तो 
उसकी ऐसी तैसी मचे..

मूढ़ा मॅन ऐसा करे खाए घर मे मार
बाहर की तो मिले नही...घर की लगे आचार

घरवाली हुई पुरानी...बाहर सुन्दर नार
घरवाली को देख के..स्वाद बिगड़ हैं जाय

गहराई मे झाँका तो सच सामने आ जाए..
बच्चे घर और कपड़े..सा नज़र आ जाए..
बीवी लगे फिर तो प्यारी...बाहर क्यूँ मूह बाए 
धन्यवाद जी..सच से दिया मिलवाय

Tuesday, November 27, 2012

फाइकू

तुमको ढूँढा यहाँ वहाँ
दिल ना लगे
तुम्हारे बिना

बाहर का मौसम सुहाना
ना भाए मुझे
तुम्हारे बिना..

मैने ना फेंका कुछ 
मैं हूँ अधूरी
तुम्हारे बिना

जिंदगी करती हैं शोर
नही रहूंगी और
तुम्हारे बिना

हमने मुस्कुराया तुम्हे देख कर
धुआ सा उठा..
तुम्हारे लिए

रात चाँद को मनाया 
आवाज़ अपनी देकर
तुम्हारे लिए



रात चाँद से बात
करू सारी रात
तुम्हारे लिए..

बना मैं बड़ा बाज़ार
बिका बार बार
तुम्हारे लिए

मज़बूर मैं हरदम बिकी..
सारे आम बेज़ार
तुम्हारे लिए


मुझे तेरी बाते क्यूँ अच्छी लगे..




मुझे तेरी बाते क्यूँ अच्छी लगे..
जो कहे तू कुछ भी तो ...फूल से झरे..
तेरी आवाज़ कोयल सी प्यारी लगे......
क्या करू इस दिल दिल का...............
गर्म हवा भी......अब बदली बदली सी लगे..

तेरी महक अब भी सब जगह रहती हैं
गुज़रता हूँ जब उस गली से...झट से गले आ लगती हैं...

मुझसे बिछड़ कर खुश रहना...क्यूँ बनाते हो मुझसे ही बहाना...
पता हैं बेतरतीब हो गये हो तुम..चाहे मुझे कुछ बताना या ना बताना..

तुमसे मिल कर लौटेगा कौन..
हम तो खुद को तुमको दे आए..

ख़यालो मे हम हो आए वहाँ वहाँ......
जहाँ जाना था नामुमकिन तुम्हारे बिना..

आप खुद हैं विचारो के सागर..
हमने भी सीखा  गहराना आपसे...

करते रहे इबादत हम उनकी तमाम उम्र
चल दिए वो हमे छोड़ कर...कैसे करू सब्र

कत्ल की बात सुन कर रोए होंगे वो ज़रूर...
करते रहे जो प्यार तमाम उम्र भर के आँखो मे सुरूर

करीब आओ ना शरमाओ..
मुझे तुमसे कुछ कहना हैं
सारी उम्र अब तुम्हारे 
संग  मुझे रहना हैं..

Monday, November 26, 2012



खुद के यकीन पे यकीन....
रखना ज़रूर अगर तुम हो ज़हीन

तेरी वफ़ा के सहारे जीते हैं
ना मिली गर वफ़ा के तड़प के मरते हैं..
छोड़ दे अब सताना मुझको..
हम तो जो भी करते हैं 
तेरे लिए ही करते हैं..

लगते हो खूब अपनी अदा से..
भरते हो जोश अपनी वफ़ा से..
क्या हो तुम ...कहाँ से लाते हो 
दिल चुराने का तरीका..
सच क्यूँ बहुत भाते हो तुम..

जाने क्या क्या लिख डाला
तुम्हारे लिए
सब कुछ उडेल डाला 
तुम्हारे लिए..
तुम हो हमारे लिए.
हमारा सब कुछ .....................
तुम्हारे लिए..





जब बात होगी स्टेटस से





जब बात होगी स्टेटस से
उसे तो खराब होना ही हैं..
लड़ते रहेंगे एक दूसरे से..
कब कहाँ कैसे तक़रार होना ही हैं..
मिले नही कभी,देखा नही एक दूसरे को
दिल दे दिया चैट बॉक्स मे..
ये तो होना ही हैं..
नही रहली फीलिंग्स कोई मन मे..
बस समय यू ही गवाते हैं....
एक छोड़ कई कई पे हाथ आजमाते हैं..
जमाने का चलन हो गया हैं खराब
अब बातों से कहाँ सुलझाते हैं..








ज़िद जो हो गई पूरी तेरी 
आ जाएगा आसमान हाथो मे..
सितारे पा जाएँगे तेरा दामन तेरी बाहों मे..
तू कहाँ रख पाएगा ये सब संभाल कर..
उड़ जाएँगी ये खुशिया पल भर मे..
मेरी मान ज़िद ना कर.. 
खुद को ना आजमा...तेरा सितारा हैं बुलंदी पे...

बसा जो चाँद तेरे दिल मे हैं 
बहुत ही खूबसूरत हैं...........
खिला जो चाँद आसमान पे
खुदा की वो तो नेमत हैं
रखना संभाल कर अपना चाँद
तेरे प्यार की वो सूरत हैं.....



छूकर तुमको कुछ 
ख़याल सा आता हैं
मन तुम्हे छूते ही 
पवित्र सा हो जाता हैं..
तुम्हारे प्रेम के आगे 
सारा संसार मुझे अब
छोटा नज़र आता हैं......
मत किया करो इतना प्यार 
मुझे अपने प्यार के
बिछड़ जाने का डर
नज़र आता हैं..
तुम हो तो मैं हूँ
तुम्हारे लिए मेरा दिल
हर वक़्त बेक़रार 
नज़र आता हैं..

कैसे लेते हैं चुरा शब्दो को....जबकि चुराना था हमारे दिल को..