Saturday, December 8, 2012


 वो इतनी नादान नही..जो ना समझे तेरी बात
खामोश रहो या लब खोलो..जाने हैं वो हर बात..

हौसलो से उड़ान होती हैं सब जानते हैं...
पंख तो केवल पंछी की शान होते हैं..

ख़याल उँचे थे हमारे..हैसियत उँची थी उनकी..
हम ख़याल ही करते रहे उनका..वो ना जाने कब अहंकारी हो गये

खोखला दिल, खोखला मॅन..खोखला हुआ सब कुछ..
क्या लिखे एहसास अब...नही बचा अब कुछ

मत किया करो याद इतना
उसे हिचकिया आती हैं...
रात भर सो नही पाती.....
बेचारी की जान जाती हैं..

मोहब्बत मे मशवरे अच्छे नही लगते..
मोहब्बत मे दायरे सच्चे नही लगते..

आप तो प्यार मे भी सख़्त लगते हो..
नही देते हो माफी..ना जाने कितनी सज़ा
सोच के रखते हो...

ज़ज्बात से खाली होकर भी क्या करोगे..
क्या तब मुझे नही याद करोगे..

कविता से लोगो के रगो का लहू जोश भरता हैं..
लोग समझते हैं की वो कविता लिखता हैं...

यही तो कमाल हैं..वो कितना बेमिसाल हैं

1 Comments:

At December 8, 2012 at 6:28 AM , Anonymous Anonymous said...

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