Monday, December 3, 2012

सिर्फ़ ख़ालीपन रह जाता हैं..




ना मिले प्यार की रोशनी तो
प्यार कहाँ टिक पता हैं..
ज़िद और अना के नाम पे 
ना जाने कितनी बार 
प्यार क़ुरबान हो जाता हैं..
कसमसा के रह जाती हैं जिंदगी..
जब प्यार किसी ज़िद के 
आड़े हाथो आ जाता हैं.....
नही बचता कुछ भी......
सिर्फ़ और सिर्फ़ ख़ालीपन रह जाता हैं..

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