Tuesday, November 27, 2012

फाइकू

तुमको ढूँढा यहाँ वहाँ
दिल ना लगे
तुम्हारे बिना

बाहर का मौसम सुहाना
ना भाए मुझे
तुम्हारे बिना..

मैने ना फेंका कुछ 
मैं हूँ अधूरी
तुम्हारे बिना

जिंदगी करती हैं शोर
नही रहूंगी और
तुम्हारे बिना

हमने मुस्कुराया तुम्हे देख कर
धुआ सा उठा..
तुम्हारे लिए

रात चाँद को मनाया 
आवाज़ अपनी देकर
तुम्हारे लिए



रात चाँद से बात
करू सारी रात
तुम्हारे लिए..

बना मैं बड़ा बाज़ार
बिका बार बार
तुम्हारे लिए

मज़बूर मैं हरदम बिकी..
सारे आम बेज़ार
तुम्हारे लिए


0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home