Wednesday, May 9, 2012

दर्द की बात दर्द से
अब कहीं नही जाती
दर्द हैं इतना गहरा
अब हँसी नही आती



नही आई कोई आवाज़
ना ही था कोई संगीत
मेंढक था समझदार
सोच रहा था कल की बात
गर कूद गये तो क्या होगा
सबके जैसे  हो जाएँगे
नही  तो परमात्मा
का भजन गाएँगे.........
कैसा रे जोगी
रहत अतीता राम रस जोगी...
अब बताए कैसा था मेंढक
डरपोक या साहसी



maut....ek nazar
आज कल मुझे मौत पे बहुत प्यार आ रहा हैं.......

ए मौत सच मे लगता हैं...अब तो आ जा अपने जलवे दिखा जा...नाम तो बहुत सुना हैं तेरा..ज़रा सूरत भी दिखा जा..

हमे निशाना नही बनना इंतेज़ार करना हैं की कब आए और हमे वरण करे

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