Tuesday, May 1, 2012

गॉधुलि की बेला
तुम्हारा हमको सोचना
हमे और भी रोमांचित किए जाता हैं
बहकने लगते हैं हमारे एहसास
शब्द गुड मूड कर कही खो से जाते हैं
रह जाता हैं सिर्फ़ ज़ज्बात
हम और तुम....

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