Friday, October 7, 2011


बात बात पर बिगडती है बात
ना हो बादल तो कैसी बरसात
तेरा प्यार आँखो से जा निकलता हैं
वक़्त बेवक़्त जाने क्या कह उठता हैं
जाए जो उमस, कस के हो बरसात
तेरा प्यार है या हैं मेरे ज़ज्बात 
क्या यही हैं प्यार की शुरूवात 

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